Google Beam AI First Video Calling के लॉन्च होने से कैसे बदलेगा वीडियो कॉलिंग का इतिहास
2025 के I/O डेवलपर सम्मेलन में गूगल कंपनी ने आधिकारिक तौर पर Google Beam 3डी वीडियो कॉलिंग को लॉन्च किया है। यह एक नया 3D वीडियोकॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम है। beam को पहले Project Starline के नाम से जाना जाता था और यह Project Starline का ही अपग्रेडेड वर्जिन है। Google Beam का उद्देश्य AI और 3d इमेजिंग के बेजोड़ मिश्रण द्वारा वर्चुअल मीटिंग और वीडियो कॉलिंग को रियल जैसा अनुभव देना है। इस तकनीक को विकसित करने में गूगल को पांच साल से अधिक का समय लगा है।
Google Beam क्या है और कैसे काम करता है?
गूगल के मुताबिक Google Beam में एक साथ कई वेब कैमरा का प्रयोग किया जाता है। वीडियो कॉलिंग के लिए AI और 3D तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है यानि आम पारंपरिक वीडियो को AI की सहायता से 3D वीडियो में बदला जाता है। जिस कारण इसे अलग-अलग एंगल से देखा जा सकता है और इसके लिए एक विशेष प्रकार के डिस्प्ले का प्रयोग किया जाता है।
Google Beam AI First Video Calling की खूबियां
Google beam के इस्तेमाल से वर्चुअल मीटिंग वास्तविक मीटिंग जैसी लगेंगी। मीटिंग में बैठा हुआ सामने वाला व्यक्ति चाहे जितना भी दूर हो Google Beam 3D का इस्तेमाल करने पर ऐसे लगेगा जैसे वह व्यक्ति बिल्कुल सामने बैठा हो और रीयलिस्टिक कॉल के द्वारा दूरी के अनुभव को खत्म किया जा सकेगा और सामने वाले व्यक्ति के चेहरे के छोटे से छोटे भाव, उसकी आवाज की टोन और उसी शारीरिक भाषा को भी आसानी से देखा जा सकता जो कि पारंपरिक वीडियो कान्फ्रेंसिंग में स्पष्ट नहीं होती। Google Beam वीडियो कान्फ्रेंसिंग में AI, 3डी इमेजिंग और स्पेशल डिस्प्ले का इस्तेमाल किया जाता है जिससे मीटिंग में सामने वाले व्यक्ति को पूरे आकार और गहराई में देखा जा सके। Google Beam में केवल वीडियो को ही नहीं बल्कि ऑडियो को भी बेहतर बनाया गया है।
Google Beam AI First Video Calling का उद्देश्य :
Google Beam को मार्केट में पहले से ही उपलब्ध जैसे Zoom आदि के साथ काम करने के उद्देश्य से बनाया गया है जिससे इसे इस्तेमाल करने में आसानी होगी और कम्पनियों को भी इसे अपनाने और इस्तेमाल करने में किसी प्रकार की कोई मुश्किल नहीं होगी। Google Beam 3D का प्रयोग करने के लिए किसी प्रकार के विशेष चश्मे या हेडसेट की आवश्यकता नहीं हैं और वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान आवाज भी प्राकृतिक और वास्तविक सुनाई देती है। इस तकनीक द्वारा लोगों को प्राकृतिक रूप से एक दूसरे के साथ संवाद करने में सहायता मिलेगी और लोग बेहतर तरीके से एक दूसरे के साथ ऑनलाइन संवाद कर पाएंगे और आनलाईन मीटिंग्स को बिल्कुल आमने – सामने होने वाली बातचीत के जैसे महसूस कर पाएंगे।
Google Beam में लाइव स्पीच ट्रांसलेशन को भी जोड़ा गया है जिससे कि स्पीच मीटिंग के समय अलग-अलग भाषाओं में आसानी से बातचीत की जा सके जैसे मान लीजिए अगर कोई फ्रांस का व्यक्ति किसी भारतीय के साथ Google Beam के जरिए फ्रेंच में संवाद करता है तो उसकी फ्रेंच भाषा रियल टाइम में हिंदी में अनुवाद होकर भारतीय व्यक्ति को हिंदी में सुनाई देगा।इसकी खासियत यह है कि लाईव स्पीच ट्रांसलेशन के दौरान सामने वाले व्यक्ति की आवाज की टाने और एक्सप्रेशन में कोई बदलाव नहीं होगा।
Google Beam AI First Video Calling बाजार में कब उपलब्ध होगा
Google के द्धारा बताया गया कि Google Beam को बाजार में लाने के लिए गूगल ने HP के साथ सांझेदारी की है और HP कम्पनी इस साल के अंत तक Google Beam डिवाईसस बाजार में ग्राहकों के लिए उपलब्ध कराएगी।
इसके अलावा गूगल सर्च और क्रोम में “AI Mode” भी दिया जाएगा। जिससे गूगल सर्च के तरीके पूरी तरह से बदल जाएंगे जिसे यूजर्स चैटबॉट के जैसे इस्तेमाल कर पाएंगे।